बिहार के मुंगेर ज़िले में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान गोली चलने और उसमें एक व्यक्ति की मौत के बाद चुनाव आयोग ने तत्काल प्रभाव से एसपी लिपि सिंह और डीएम राजेश मीणा को हटा दिया है. साथ ही डिविज़नल कमिश्नर असंगबा चुबा आओ को सात दिन में इस मामले की जाँच करने के आदेश दिए हैं.स्थानीय लोगों का कहना है कि मंगलवार को पंडित दीन दयाल चौक के पास पुलिस ने लोगों की भीड़ को तुरंत प्रतिमा विसर्जन करने को कहा था जिसे लेकर बाद में पुलिस और स्थानीय लोगों में कहासुनी हुई और गोली चलने की आवाज़ सुनाई दी. इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और मृतक के परिवार ने पुलिस पर गोली चलाने का आरोप लगाया था. इस घटना के बाद तब के डीएम राजेश मीणा ने बताया था कि पुलिस की तरफ से गोलियाँ नहीं चलाई गईं बल्कि असामाजिक तत्वों ने गोली चलाईं जिसमें छह लोग घायल हुए हैं और इसकी जाँच चल रही है.इस घटना के बाद लिपि सिंह का एक बयान था जिसमें कहा गया था कि “दुर्गा पूजा के दौरान हुए विसर्जन में कुछ असमाजिक तत्वों ने पथराव शुरू किया जिसमें 20 पुलिसकर्मी घायल हो गए और भीड़ में किसी ने गोली चलाई जिसकी वजह से एक व्यक्ति की मौत हो गई. मगर स्थिति नियंत्रण में है.”हालांकि इस घटना से पहले लिपि सिंह को मुंगेर के लोग रॉबिनहुड नाम से पुकारते थे. जब उन्होंने मुंगेर की एसपी का पदभार संभाला था तो लोगों ने फूलों की माला पहनाकर उनका स्वागत किया था. लोगों का कहना था कि उन्हें एक ऐसी कड़क अफ़सर मिली हैं जिसकी मुंगेर को ज़रूरत थी. लोग ये भी कहते हैं कि उनके आने के बाद अपराध में कमी भी आई.लेकिन इस घटना के बाद एसपी लिपि सिंह के बारे में मुंगेर शहर के लोगों की राय नकारात्मक हो गई है.