कोविड-19 की दूसरी लहर में बेड्स की कमी का प्रबंधन करने के लिए भारत के अस्पतालों ने रिमोट पेशेंट मॉनिटरिंग समाधानों का रुख किया

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कॉन्टैक्टलैस रिमोट पेशेंट मॉनिटरिंग (आरपीएम) सॉल्यूशंस में अग्रणी, डोज़ी भारत में 150 से ज्यादा अस्पतालों को किसी भी बेड को 2 मिनट के अंदर स्टेप डाउन आईसीयू में परिवर्तित करने में मदद करता है और आईसीयू के बाहर मरीजों की रिमोट मॉनिटरिंग संभव बनाता है। पिछले दो हफ्तों में, भारत में 15 से ज्यादा अस्पताल डोज़ी के साथ साईन अप कर चुके हैं और इस समय 4000 से ज्यादा कोविड-19 हाई डिपैंडेंसी यूनिट (एचडीयू) बेड्स की संस्थागत सेटिंग में निरंतर मॉनिटरिंग हो रही है। 24/7 ऑन-ग्राउंड सपोर्ट एवं अलर्ट इस्केलेशन सुनिश्चित करने के लिए अस्पतालों के अंदर डोज़ी ने एक पेशेंट मॉनिटरिंग सेल भी स्थापित की है। शहर में अनेक अस्पताल कोविड वार्ड में मरीजों को दूर से मॉनिटर करने के लिए डोज़ी को ऑनबोर्ड करने की प्रक्रिया में हैं।डोज़ी द्वारा सक्रिय की गई पेशेंट मॉनिटरिंग सेल सभी मरीजों का ट्रैक रखती है और किसी भी गंभीर स्थिति के लिए डॉक्टर एवं नर्सों को अलर्ट करती है  अस्पतालों में बढ़ते मामलों एवं भारी संख्या में भर्ती होते मरीजों का अत्यधिक दबाव है और स्टाफ एवं बेड्स की कमी हो रही है। डोज़ी ने इन केंद्रों में एक समर्पित संसाधन स्थापित किया है ताकि डॉक्टर्स को अलर्ट को प्राथमिकता आवंटित कर ज्यादा गंभीर मरीजों को देखने में मदद मिले। इससे डॉक्टर्स को हर मरीज के वाईटल्स का आवश्यक डेटा सही समय पर मिलता है और वो उचित इलाज कर पाते हैं। भारत में स्वास्थ्य का संकट गहरा रहा है  वायरस की दूसरी लहर हर रोज नई ऊँचाईयों पर पहुंच रही है और देश में अस्पतालों पर भारी बोझ डालते हुए इंटेंसिव केयर बेड्स की आपूर्ति पर अत्यधिक दबाव डाल रही है। बेड्स की कमी को सम्हालने एवं निरंतर मॉनिटरिंग और इलाज के जरूरतमंद मरीजों का प्रभावशाली इलाज करने के लिए अस्पताल कोरोना वायरस विस्फोट की दूसरी लहर से लड़ने के लिए रिमोट पेशेंट मॉनिटरिंग अपना रहे हैं।

डोज़ी प्रो 250 डेटा सैंपल प्रति सेकंड कैप्चर करता है और हर 30 सेकंड में रीडिंग देता है  मरीज का डेटा निरंतर मिलते रहने से मेडिकल स्टाफ मरीज की बिगड़ती स्थिति को जल्दी पहचान पाता है और किसी भी असामान्य स्थिति के गंभीर होने से पहले ही केयर टीम को इसकी सूचना दे पाता है। डॉक्टर एवं हैल्थकेयर टीम एक केंद्रीकृत पेशेंट मॉनिटर से मरीज के स्वास्थ्य का दूर से निरीक्षण कर पाती है तथा वेब डैशबोर्ड द्वारा एवं एक मोबाईल ऐप से सैकड़ों मरीज एक साथ मॉनिटर किए जा सकते हैं। हर मरीज को कस्टम अलर्ट पर रखा जा सकता है, जिससे डॉक्टर्स को इलाज की योजनाओं को ऑप्टिमाईज़ करने में मदद मिलती है, वो मरीज की बिगड़ती स्थिति पर केंद्रित हो पाते हैं तथा बेहतर प्रोएक्टिव केयर प्रदान कर पाते हैं।

मेड इन इंडिया, डोज़ी एनआईएमएचएएनएस एवं श्री जयदेव इंस्टीट्यूट में 1000 मरीजों पर किए गए सफल क्लिनिकल ट्रायल के बाद 98.4 प्रतिशत मेडिकल ग्रेड एक्युरेसी के साथ लॉन्च किया गया है अस्पतालों में इसके इस्तेमाल के अलावा, डोज़ी हैल्थकेयर प्रदाताओं को मरीजों के वाईटल संकेत दूर से मॉनिटर करने, अपडेट एवं बिगड़ती स्थिति के अलर्ट घर से एवं अस्पताल के बाहर अन्य केयर सैटिंग से प्राप्त करने में समर्थ बनाता है। इस समाधान में पोस्ट-डिस्चार्ज, आउटपेशेंट सेटिंग्स एवं अस्पताल के स्तर की होम केयर सैटिंग्स में मरीजों के लिए एक इंटीग्रेटेड अरली वार्निंग सिस्टम है। डोज़ी प्रो मरीजों, उनके परिवार के सदस्यों एवं हैल्थकेयर प्रदाताओं को रियल-टाईम डेटा एवं अलर्ट प्रदान करता है, ताकि बिगड़ती क्लिनिकल स्थिति को जल्दी पहचाना जा सके।

मुदित दंडवातेसीईओ एवं कोफाउंडरडोज़ी

‘‘दूसरी लहर बड़े स्तर पर फैल रही है, इस समय अस्पताल कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए आरपीएम एवं नई एआई प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। रिमोट पेशेंट मॉनिटरिंग से इन-पर्सन कॉन्टैक्ट के जोखिम कम हो जाते हैं, स्टाफ की कमी का प्रबंधन होता है और लोगों को खासकर कोविड के दौरान पारंपरिक मेडिकल कंसल्टेशन का विकल्प मिलता है। हम कोविड-19 के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में हैल्थकेयर कर्मियों व मरीजों की सुरक्षा के लिए अस्पतालों के साथ मिलकर काम करने और अपनी प्रौद्योगिकी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’

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