हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर साल यह त्योहार वैशाख माह शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया सभी पापों का नाश करने वाली एवं सभी सुखों को प्रदान करने वाली शुभ तिथि है। इस तिथि पर किया गया कोई भी शुभ कार्य जरूर सफल होता है। इसलिए अक्षय तृतीया को विवाह, गृह प्रवेश, नया व्यापार, धार्मिक अनुष्ठान और पूजा- पाठ के लिए सर्वश्रेष्ठ तिथि मानी गई है। सोना खरीदने के लिए यह बेहद ही श्रेष्ठ दिन माना जाता है।
तृतीया तिथि का आरंभ: 14 मई 2021 को प्रात: 05 बजकर 38 मिनट से.
तृतीया तिथि का समापन: 15 मई 2021 को प्रात: 07 बजकर 59 मिनट तक.
अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त: प्रात: 05 बजकर 38 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक
अवधि: 06 घंटा 40 मिनट
शास्त्रों में अक्षय तृतीया को शुभ कार्यों के लिए अबूझ मुहूर्त के रूप में देखा जाता है। अक्षय तृतीया पर देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। देवी लक्ष्मी के साथ इस दिन भगवन विष्णु की भी पूजा होती है। अक्षय तृतीया पर पूजा करने से शुभफल की प्राप्ति होती है। अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। माना जाता है कि महर्षि वेद व्यास ने अक्षय तृतीया के दिन से महाभारत लिखना शुरू किया था। इसके साथ ही सतयुग, द्वापर और त्रेतायुग के आरंभ की गणना अक्षय तृतीया से मानी गई है।
मान्यता है कि इस दिन कोई भी शुभ काम बिना मुहूर्त देखे किये जा सकते हैं. इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने पर शुभ फल मिलता है. अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था. इस पवित्र दिन पर दान- पुण्य करने का भी बहुत अधिक महत्व होता है.