केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पूर्व निदेशक अश्वनी कुमार की मौत हो गई है. वे अपने शिमला स्थित घर में मृत पाए गए. पुलिस के मुताबिक़ उन्होंने खुदकुशी की है. पुलिस की टीमें उनके घर पहुंची, जहां कथित तौर पर उन्हें अश्वनी कुमार का एक सुसाइड नोट मिला है.
इस सुसाइड नोट में लिखा हुआ था, ”अपनी बीमारी और डिसएबिलिटी के चलते इस जीवन को ख़त्म कर रहा हूं और नए जीवन की ओर बढ़ रहा हूं.”
डीजीपी संजय कुंडू के मुताबिक़ अश्वनी कुमार ने सुसाइड नोट में अपनी मौत के लिए किसी को भी ज़िम्मेदार नहीं ठहराया. परिवार वालों के मुताबिक़ अश्वनी कुमार ने ख़ुदकुशी से पहले सामान्य थे. उन्होंने दिन में सैर की, काली माता के मंदिर गए और शाम में ध्यान किया.
शाम में उनके बेटे और बहू सैर के लिए बाहर निकले. जब वो वापस लौटे तो दरवाज़ा अंदर से बंद था. दरवाजा तोड़े जाने पर अश्वनी कुमार मृत पाए गए.
लॉकडाउन के दौरान वे मुंबई में फंस गए थे, जहाँ वो अपने बेटे अभिषेक के साथ रह रहे थे. उनके बेटे एक बड़ी प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं. अश्वनी कुमार के परिवार में उनकी पत्नी चंदा, बेटे और बहू हैं.
हिमाचल प्रदेश पुलिस, सीबीआई और प्रधानमंत्री को सुरक्षा मुहैया कराने वाली सरकारी एजेंसी एसपीजी के अहम पदों पर वे रहे थे.
इन मामलों के लिए जाने जाते थे
साल 2008 अश्वनी कुमार ने कार्यभार संभाला था तब सीबीआई चर्चित आरुषि तलवार केस की जाँच कर रही थी.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, वो जांच से खुश नहीं थे और उन्होंने केस अपने हाथ में लेने का फैसला किया.
कुमार ने कहा था, “ये केस मेरे लिए लिटमस टेस्ट है, मुझे पता करना है कि आरुषि को किसने मारा? माँ-बाप ने या किसी और ने? मुझे इस केस को लेकर गुस्सा आता है.”
कुमार के कार्यकाल में ही केस की क्लोज़र रिपोर्ट बनाई गई थी. कॉमनवेल्थ गेम घोटाले की जांच भी उनके कार्यकाल में शुरू हुई थी.
इसके अलावा कथित सोहराबुद्दीन फ़ेक एनकाउंटर मामले में अमित शाह के ख़िलाफ़ चार्जशीट भी उनके कार्यकाल में दायर की गई थी. शाह को इस मामले में बरी कर दिया गया है.