100 डोज़ी मॉनिटर्स के साथ स्मार्ट वार्ड सेटअप से अगले 3 महीनों में 900 से ज्यादा मरीजों को लाभ मिलेगा

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 डोज़ी का अभियान, मिलियनआईसीयू, जो जन अस्पतालों में आईसीयू बेड्स एवं स्टाफ की कमी को संबोधित करता है, अब नई दिल्ली के लोक नायक हॉस्पिटल (एलएनएच) में अगले 3 महीनों में 900 से ज्यादा मरीजों के लिए क्रिटिकल केयर में मदद करेगा। इस समय एलएनएच के आईसीयू में 50 बेड एआई पॉवर्ड कॉन्टैक्टलेस डोज़ी मॉनिटर्स के साथ अपग्रेड किए गए हैं, ताकि कोविड-19 मरीजों की रिमोट, केंद्रीकृत एवं निरंतर मॉनिटरिंग की जा सके। इस तरह के पचास बेड प्रस्तावित हैं, जो पोस्ट-कोविड म्यूकरमाईकोसिस मरीजों के इलाज में मदद करेंगे  डोज़ी ने अस्पताल में एक पेशेंट मॉनिटरिंग सेल स्थापित की है, जो 24/7 ऑनग्राउंड सपोर्ट एवं अलर्ट इस्केलेशन सुनिश्चित करती है। एलएनएच में सुविधाओं का अपग्रेडेशन स्टेट बैंक ऑफ इंडिया फाउंडेशन एवं हुआवेई द्वारा स्पॉन्सर किया गया, जिसमें सी-कैंप मुख्य समन्वयक रहा।

मिलियन आईसीयू अभियान का उद्देश्य जन अस्पतालों को अल्पकाल में मौजूदा कोविड-19 संकट से उबरने में समर्थ बनाना और भारत के जन स्वास्थ्य ढांचे में तीव्र व दीर्घकालिक परिवर्तन लाना है। इस अभियान का उद्देश्य इन अस्पतालों में केंद्रीकृत पेशेंट मॉनिटरिंग के साथ स्टेप डाउन आईसीयू एवं एचडीयू की संख्या बढ़ाना और देश के दूरदराज के इलाकों में भी क्रिटिकल केयर को जरूरतमंदों के लिए ज्यादा आसानी से उपलब्ध कराना है। इस अभियान के तहत हॉस्पिटल बेड्स में डोज़ी के कॉन्टैक्टलेस सेंसर लगाए गए हैं, जिनमें एक एआई पॉवर्ड ट्राईएजिंग सिस्टम है, जो मरीज के संपर्क में आए बिना मरीज के दिल की धड़कन, श्वास की दर एवं अन्य क्लिनिकल पैरामीटर्स जैसे स्लीप एप्निया व मायोकार्डियल परफॉर्मेंस मीट्रिक्स की निरंतर व सटीक मॉनिटरिंग (प्रति घंटे 100 बार से ज्यादा) संभव बनाता है। मरीज का डेटा निरंतर मिलते रहने से मेडिकल स्टाफ मरीज की बिगड़ती स्थिति को जल्दी पहचान पाता है और किसी भी विकृति के गंभीर होने से पहले की केयर टीम को सूचित कर देता है। हर मरीज के लिए कस्टम अलर्ट स्थापित किए जा सकते हैं, जिससे डॉक्टर्स को इलाज की योजनाएं ऑप्टिमाईज़ करने, बिगड़ती हालत वाले मरीजों पर केंद्रित होने और बेहतर प्रोएक्टिव केयर प्रदान करने में मदद मिलती है। डोज़ी द्वारा इनेबल की गई पेशेंट मॉनिटरिंग सेल सभी मरीजों का ट्रैक रखने में मदद करती है और मरीज की हालत बिगड़ने पर डॉक्टरों व नर्सों को सचेत कर देती है।

राजधानी में अनेक निजी व सार्वजनिक अस्पताल कोविड वार्ड्स में मरीजों की निगरानी दूर से करने के लिए डोज़ी की स्थापना की प्रक्रिया में हैं। कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर ने देश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर भारी दबाव डाला। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मई, 2021 में सरकारी अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों के लिए केवल 4,798 आईसीयू बेड्स हैं। इसके अलावा, भारत में लगभग 9.26 लाख डॉक्टर हैं, जिनमें से 20,000 से भी कम पल्मोनोलॉजी, एनेस्थेसियोलॉजी, क्रिटिकल केयर एवं इमरजेंसी मेडिसीन में प्रशिक्षित हैं। विशेषज्ञों एवं डॉक्टरों के अनुसार, कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए भारत में 500,000 अतिरिक्त आईसीयू बेड्स एवं बहुत ज्यादा प्रशिक्षित नर्सों व डॉक्टरों की जरूरत होगी।

डोज़ी का मिलियन आईसीयू अभियान पूरे देश में क्रिटिकल केयर इन्फ्रास्ट्रक्चर में परिवर्तन लाने की दिशा में एक साहसी कदम है। यह सरकारी अस्पतालों को प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल का एक अद्वितीय अवसर प्रदान करता है, ताकि वो आवश्यक आईसीयू एवं एचडीयू में तेजी से विस्तार कर सकें। भारत में अभिनव समाधानों की जरूरत है, जो कम लागत के एवं प्रभावशाली हों और यहां की विशाल व बढ़ती हुई जनसंख्या की मांगों को पूरा करने के लिए मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड कर सकें। मिलियन आईसीयू अभियान अधिकांश जनसंख्या को गुणवत्तायुक्त हैल्थकेयर उपलब्ध, सुलभ एवं किफायती बनाने एवं दीर्घकालिक हैल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की मांग का समाधान करता है।

डॉसुरेश कुमारएमडीएलएन हॉस्पिटल, ने  बताया ‘कोविड-19 महामारी ने भारत में जन स्वास्थ्य के सेक्टर के तीव्र इन्फ्रास्ट्रक्चर परिवर्तन की गंभीर जरूरत को उभारकर सामने लाया है। नैक्स्ट जनरेशन की प्रौद्योगिकियों जैसे एआई एवं आरपीएम द्वारा भारतीय अस्पतालों को क्रिटिकल केयर इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने एवं मरीजों को बेहतर गुणवत्ता की केयर प्रदान करने में समर्थ बनाया जा सकता है। डोज़ी के मिलियन आईसीयू अभियान ने एआई पॉवर्ड, स्टेप-डाउन आईसीयू इन्फ्रास्ट्रक्चर को कुछ ही दिनों में अपग्रेड करने में मदद की। यह हमारे मरीजों एवं हैल्थकेयर स्टाफ के लिए बहुत उपयोगी साबित हो रहा है। सिस्टम 200 से ज्यादा अलर्ट दे चुका है, जिससे मरीजों को प्रभावशाली इलाज देने में मदद मिली है। हमारा यकीन है कि यह प्रौद्योगिकी हमारे स्टाफ को सुरक्षित रखते हुए अगले कुछ महीनों में हजारों मरीजों की जान बचाने में मदद करेगी।’’

डॉविकास मल्होत्राप्रोईएनटी एवं प्रोजेक्ट ऑफिसररिमोट पेशेंट मॉनिटरिंग सॉल्यूशनएलएन हॉस्पिटल, ने कहा ‘डोज़ी की रिमोट पेशेंट मॉनिटरिंग एवं एआई पॉवर्ड ट्राईएजिंग टेक्नॉलॉजी हमारे क्लिनिशियंस को बिगड़ती हालत वाले मरीजों की समय पर पहचान करने में मदद करती है। डोज़ी के क्रियान्वयन के साथ हम अब मरीजों के इलाज के लिए अपने सीमित संसाधनों का ज्यादा प्रभावशाली उपयोग कर सकते हैं। डोज़ी हमें ज्यादा मरीजों को देखने और साथ-साथ उन्हें बेहतर केयर प्रदान करने में मदद कर रहा है। यह हमें कोविड-19 मरीजों का सटीक क्लिनिकल डेटा एकत्रित करने में मदद कर रहा है, जिससे शोधकर्ताओं को वायरस के प्रभावों को बेहतर समझने में मदद मिलेगी। भविष्य में बड़े स्तर पर गुणवत्तायुक्त केयर सुनिश्चित करने के लिए डोज़ी जैसे समाधानों द्वारा घर पर ही रिमोट पेशेंट मॉनिटरिंग की संभावनाओं को तलाशना सार्थक होगा।’’

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