भवानीगढ़ में निराले बाबा समन्वय मंदिर के हाल का विजयइन्द्र सिंगला ने किया उदघाटन

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स्थानीय जे.डी. निराले बाबा समन्वय मंदिर में राष्ट्रीय एवं जैनाचार्य डा. श्री गुरू दिव्यानंद सुरिष्वर जी महाराज सा. निराले बाबा के सान्निध्य में महा मांगलिक समारोह का आयोजन बड़े दिव्य और भव्य भाव से हुआ। लगभग पांच वर्षों के बाद हुए इस कार्यक्रम में पुण्य लाभ प्राप्त करने भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और श्री निराले बाबा के भक्त विभिन्न शहरों से आये हुए थे। इस कार्यक्रम दौरान शिक्षा मंत्री पंजाब विजयइन्द्र सिंह ने मुख्यातिथि के तौर पर शिरकत की जबकि बाबू प्रकाश चंद गर्ग, प्रेम चंद गर्ग भी विशेष तौर पर पधारे थे। इस समय विजयइन्द्र सिंगला ने रिबन खोलकर नवनिर्मित निराले बाबा समन्वय मंदिर के हाल का उदघाटन किया।
इस समय विजयइन्द्र सिंगला ने कहा कि यह उनके गुरूवर जी का दरबार है तथा वह हर समय उनकी सेवा तत्पर रहेंगे। उन्होंने कहा कि जब वह निराले बाबा के चरणों में शीश झुकाते हैं तो उन्हें एक आनंत शक्ति मिलती है और उनके कार्य की शक्ति बन जाती है। इस समय निराले बाबा ने अपने मुखारबिंद से सक्रांति पाठ सुनाया और कहा कि समन्वय मंदिर पंजाब का आने वाले समय में अलौकिक मंदिर होगा। इस समय सोनी सिंगला, अलका आहूजा ने मंच संचालन किया और नन्हें बच्चों नव्या, ईशिता ने सुन्दर भजन गायन किया तथा निशू सिंगला, पूजा रानी, शैली गर्ग, सुष्मा कांसल ने अपने भाव भजन के माध्यम से पेश किये।


इस समय सतपाल सिंगला ने अपने भाव रखते हुए कहा कि श्री निराले बाबा जैसा महान् संत इस दुनिया में हो ही नहीं सकता। बेबी आंचल शाही ने अपने भाव प्रस्तुत करते हुए कहा कि ऐसे महान् राष्ट्रीय संत मिलते कठिन हैं उनमें भवानीगढ़ आगमन पर हम सब बच्चे जो लॉकडाऊन की बजह से निराश थे अब आशावादी हो गए हैं। बेबी इशिका और आंचल शाही ने सुन्दर भजन गाकर सभी को आकृष्ट किया। निराला चिल्ड्रन ग्रुप के बच्चों ने सुन्दर बैनर बनाकर सभी का दिल जीत लिया। इस समय प्रधान रमेश कुमार सिंगला ने कहा कि श्री गुरू महाराज जो हर साल में एक बार जरूर भवानीगढ़ की धरा पर आकर इसे पवित्र करते हैं। सचिव सतीश कांसल ने कहा कि निराले बाबा जी की कृपा से निराला परिवार के सभी सदस्य कोरोना जैसी महामारी के संकट में भी सुरक्षित हैं। इस समय सभी भक्तजनों ने गुरू पूजा और गुरूवंदना करके गुरू महाराज जी से हमारा जीवन भी हो का आशीर्वाद प्राप्त किया। सभी भक्तजनों के लिए सुन्दर और स्वादिष्ट लंगर की व्यवस्था की गई और बाहर से आये भक्तजनों को गुरू जी ने विशेष रूप से सम्मानित किया। इस समय लुधियाना, बरनाला, बुढलाड़ा, सुनाम व मानसा आदि विभिन्न शहरों से भक्तजन पधारे थे। इस समय हरी राम शाही, सालग्राम जी, दलीप, जोगिन्द्र, लाल देव, सोम नाथ व दर्शन मित्तल आदि भक्तजन मौजूद थे। बाहर से पधारे शशि कांता सूद और गीता रानी ने सुन्दर भाव से भजन गायन किया। (

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