दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने राजधानी में मानसून आगमन की एक-दो दिन में होने की संभावना को देखते हुए कहा कि दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार मानसून की भारी वर्षा से उत्पन्न होने वाले संकट से पूरी तरह बेपरवाह है और पीडब्लूडी मंत्री मनीष सिसोदिया सड़कों के ब्यूटीफिकेशन पर चितिंत है जबकि मानसून के समय जल भराव, नालों की सफाई और सड़कों पर गड्डों को भरना अत्यधिक जरुरी है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष की भांति नालों से गाद निकालने का काम जहां 31 मई तक पूरा हो जाना चाहिए, पीडब्लूडी विभाग और दिल्ली नगर निगम की यह घोषणा कि डिसिल्टिंग का काम चल रहा है और 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, यह सिर्फ खोखला बयान साबित होगा, क्योंकि हर वर्ष नालों की सफाई के नाम पर करोड़ो रुपये की राशि भ्रष्टाचार की भेट चढ़ जाती है।
मानसून से पूर्व दिल्ली के करीब 2846 नालों की सफाई का दावा करते जिनकी लम्बाई 3692 किलोमीटर है जबकि 2050 किलोमीटर लम्बाई वाले 1100 नालों की सफाई का प्रबंधन पीडब्लूडी के आधीन है। बाकी दिल्ली नगर निगम सहित डीएसआईडीसी, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के अंतर्गत आते है जो हर वर्ष नालों की पूर्ण सफाई कराने में विफल साबित होते है जिसके कारण भारी बारिश में दिल्लीवासियों को जल भराव व अन्य समस्याओं से जूझना पड़ता है।
दिल्ली सरकार हर वर्ष यह मांग करती रही है कि सरकार जल भराव वाली जगहों को चिन्हित करके मानसून से पूर्व दिल्ली में वाटर लॉगिग की जगहों पर भराव का काम पूरा करे ताकि जल भराव की समस्या ही पैदा ही न हों, परंतु दिल्ली सरकार, दिल्ली नगर निगम और संबधित विभागों में भारी भ्रष्टाचार के कारण कुछ नही होता। उन्होंने कहा कि दिल्ली के प्रति असंवेदनशील मुख्यमंत्री केजरीवाल दिल्ली की समस्याओं पर ध्यान देने की जगह दूसरे राज्यों में राजनीतिक पैर पसारने की तैयारी में लगे रहते है जबकि दिल्लीवासियों के सामने समस्याओं के अम्बार खड़े हैं।