केजरीवाल सरकार का दिल्ली को नशे की राजधानी बनाने का पाप प्रचार आधारित शिक्षा मॉडल की आड़ में नही धुल सकता। – हारुन यूसूफ

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दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री श्री हारुन यूसूफ ने कहा कि दिल्ली के लोगों को झूठे सपने दिखाकर व ईमानदारी का ढोंग करने वाले आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल वास्तविकता में शराब कारोबारियों के मुखिया है। उनके द्वारा लागू की गई नई शराब नीति से राजधानी में असमंजसता का माहौल बन गया, जबकि केजरीवाल ने नई एक्साईज पॉलिसी को यह कहकर लागू किया था कि राजस्व में बढ़ोत्तरी होगी, जिससे राज्य में कल्याणकारी किए जाऐंगे। श्री हारुन यूसूफ ने कहा कि दिल्ली कांग्रेस मांग करती है कि शराब माफिया के सरगना अरविन्द केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया तुरंत प्रभाव से इस्तीफा दें। संवाददाता सम्मेलन में श्री हारुन यूसूफ के साथ कम्युनिकेशन विभाग के वाईस चेयरमैन श्री परवेज आलम भी मौजूद थे।

हारुन यूसूफ ने कहा कि नई एक्साईज़ पॉलिसी इतनी फायदेमंद थी, तब घोटाला उजागर होते ही उसे बंद करके पुरानी पॉलिसी क्यों लागू की? उन्होंने कहा कि राजधानी में नई शराब नीति को लागू करने के शुरुआत में भाजपा तथा आम आदमी पार्टी एकमत थी और कई जोन में शराब का लाईसेंस मिलने वाली सोम ग्रुप ने भाजपा को शराब नीति बनने के दौरान लगभग 2 करोड़ का चंदा दिया। उन्होंने कहा कि अरविन्द केजरीवाल जब नई एक्साईज पॉलिसी को बनाने के साथ लोगों को राजधानी में एक के साथ मुफ्त शराब की बोतल देने की योजना में व्यस्त थे, तब दिल्ली में कोविड महामारी से लोग हाहाकार कर रहे थे और अस्पतालां में ऑक्सीजन की कमी हजारों लोग मर रहे थे।

हारुन यूसूफ ने कहा कि भ्रष्टाचार से पैसा कमाने वाले बिना विभाग वाले मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को दिल्लीवाले इतिहास में याद रखेंगे क्योंकि केजरीवाल भ्रष्टाचार के असली सरगना है, जिनके 80 प्रतिशत मंत्री भ्रष्ट थे और पंजाब में एक महीने के अंदर ही इनके स्वास्थ्य मंत्री भ्रष्टाचार के चलते जेल में चले गए। उन्होंने कहा कि एक्साईज़ पॉलिसी के भ्रष्टाचार छिपाने के नाम पर प्रचार आधारित शिक्षा मॉडल की बात करना पूरी तरह से गुमराह करने वाली कार्यवाही है, जबकि सरकारी स्कूलों में 34000 शिक्षकों के पद रिक्त है और 1130 स्कूलां में 760 प्रींसिपल के पद खाली पड़े है, जो केजरीवाल के शिक्षा मॉडल की वास्तविकता है। उन्होंने कहा कि प्रचार के द्वारा दिल्लीवालों को गुमराह करने वाले केजरीवाल 1000 करोड़ रुपये विज्ञापन पर खर्च करते है। उन्होंने कहा कि राशन घोटाला, नकली डिग्री, स्वास्थ्य व अन्य भ्रष्टाचार के आरोप में 4 मंत्री बर्खास्त हुए और ईमानदारी और पारदर्शिता का ढोंग करने वाले मुख्यमंत्री केजरीवाल के पास कोई विभाग नही है।

 

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