समाज सेवकों के द्वारा नई दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दिया गया।

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उत्तराखंड बचाओ आंदोलन के तहत उत्तराखंड के बुद्धिजीवी एवं समाज सेवकों के द्वारा नई दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दिया गया। इस कार्यक्रम कि अध्यक्षता समाजसेवी श्री जगदीश भट्ट ने की। इस धरना में उत्तराखंड के वर्तमान हालातों पर उत्तराखंड के बुद्धिजीवी एवं समाज सेवकों ने अपनी बात रखी एवं उत्तराखंड के बेटी अंकिता भंडारी की हत्या एवं उत्तराखंड सरकार की गैरजिम्मेदार हरकतों के खिलाफ एकजुट होकर नारे गलाये गए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री जगदीश भट्ट ने कहा कि यह हमारे लिए बहुत ही निंदनीय है कि हमारी एक बेटी की हत्या कर दी जाती है और सरकार दोषियों को सजा देने के बजाय जांच पर जांच के आदेश दिए जा रहे हैं। इसके अलावा उत्तराखंड के अंदर अनंत ऐसे घोटाले हैं जो नेताओं और मंत्रियों के इर्द-गिर्द घूम रहे हैं परंतु सरकार के कानों पर जू तक नहीं रेंगती। उन्होंने कहा हम सभी समाज सेवक मिलकर उत्तराखंड को एक नया विकल्प दे सकते हैं एवं यह पहला विकल्प होगा जहां पर उत्तराखंड के लोग सामाजिक राजनीतिक संगठन के साथ मिलकर जन आंदोलन के तहत उत्तराखंड का नव निर्माण करेंगे। जो एक सुरक्षित, बेहतर और समृद्ध उत्तराखंड के पथ पर अग्रसर होगा।
श्री जगदीश भट्ट ने कहा उत्तराखंड जैसे महान वीरभूमि- देवभूमि के लिए बहुत दुख की बात है कि आज हम दिल्ली के जंतर मंतर से अपने बेटी के हत्यारों का इंसाफ मांग रहे हैं। आज मुझ जैसे उत्तराखंड के बेटे को अपनी मां, बेटी एवं बहन की सुरक्षा की चिंता हो रही है।

अंकिता भंडारी हत्याकांड से संबधित कुछ मांग रखते है, जो इस प्रकार है।
1- अंकिता की पोस्टमार्टम रिर्पोट को सार्वजनिक किया जाय
2- उस वी.आई.पी के नाम का खुलासा हो जो रिजॉर्ट में आकर अंकिता भंडारी से (मÛजतं ेमतअपबम) अथवा अनैतिक काम करने के लिये दवाब बना रहा था और ऐसा न करने पर अंकिता की हत्या कर दी गई थी
3- अंकिता के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाये
4- अंकिता हत्याकांड केस की जांच सीबीआई द्वारा करवाई जाये
5- यदि उपरोक्त तथ्यों का शीघ्र खुलासा करने में वर्तमान सरकार अक्षम है तो ऐसी सरकार को बर्खास्त किया जाये

तमाम उत्तराखंड वासी जो दिल्ली में रह रहे हैं उनसे भी निवेदन करता हूं कि वे सभी लोग अपना थोड़ा सा वक्त निकाल कर इस आंदोलन में शामिल हो और एक प्रगतिशील उत्तराखंड के निर्माण में अपना सहयोग दें। धरने में श्री विजय डोभाल, जगदीश सिंह बोरा (एडवोकेट), डॉ. तिलोमनी भट्ट जी, दीप पांडे, रवींद्र सिंह रावत, जगदीश भट्ट, तारा दत्त भट्ट, रमेश शर्मा, ओंकार कोहली, कमल ध्यानी, उमेश मठपाल, महेश पंत, राजन पांडे, कौशल पांडे, पुष्पा भट्ट, दीपा भट्ट, राजीव मिश्रा, अनूप चौहान, कमलकांत छिमवाल, लीलाधर पांडे, हिमांशु भाकुनी, पूजा पांडे, उमा शर्मा, पंकज सिंह, राजेंद्र सिंह रावत, प्रताप सिंह रावत एवं भगवान सिंह जी मौजूद रहे।

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