इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर 2022 को लग रहा है. 27 साल बाद ऐसा संयोग बना है कि दिवाली पर सूर्य ग्रहण लग रहा है. आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण का सूतक काल और राशियों पर होने वाले प्रभाव.
सूर्य ग्रहण 2022 सूतक काल
दिवाली के अगले दिन बाद अमावस्या तिथि पर लगने वाला सूर्य ग्रहण शाम साढ़े 4 बजे चरम पर रहेगा। इस समय देश में दिखाई देना शुरू हो जाएगा। यह ग्रहण दिल्ली,गुजरात, राजस्थान,पंजाब, उत्तराखंड, लेह, जम्मू-श्रीनगर में अच्छे से देखा जा सकेगा।सू्तक काल सूर्य ग्रहण लगने के 12 घंटे पहले से शुरू होता है। 26 अक्तूबर को सूर्यग्रहण भारत में शाम साढ़े 4 बजे से लगना प्रारंभ हो जाएगा ऐसे में सूतककाल 12 घंटे पहले ही लग जाएगा। इस कारण से गोवर्धन पूजा 25 की जगह 26 अक्तूबर को मनाया जाएगा। सूतक काल में कोई भी शुभ काम और पूजा -पाठ नहीं किया जाता है। इस दिन पर सभी मंदिरों के पट बंद कर दिया जाता है। ग्रहण की समाप्ति पर पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव किया जाता है।
धार्मिक नजरिए से ग्रहण को अशुभ माना गया है और ग्रहण में किसी भी तरह का शुभ काम और पूजा-पाठ वर्जित हो जाता है। इस कारण से गोवर्धन पूजा एक के लिए टल गया है। यह साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण होगा इससे पहले 30 अप्रैल 2022 को सूर्य ग्रहण लगा था। यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई दिया था। 27 वर्षों बाद ग्रहण के कारण दिवाली के तीसरे दिन गोवर्धन पूजा होगी।खगोल वैज्ञानिकों के अनुसार यह सूर्य ग्रहण देश उत्तरी और पश्चिमी भागों में दिखाई देगा। वहां अगर भारत के अलावा दूसरे देशों की बात करें तो यह सूर्य ग्रहण यूरोप, उत्तरी अफ्रीका और पश्चिम-पूर्व एशिया में देखा जा सकेगा।