भारती फाउंडेशन के स्वच्छता कार्यक्रम सत्य भारती अभियान का प्रभाव

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भारती एंटरप्राइजेज की परोपकारी शाखा, भारती फाउंडेशन ने पंजाब के अमृतसर और लुधियाना जिलों में स्थित अपने ‘सत्य भारती अभियान’ कार्यक्रम के इम्पैक्ट असेसमेंट का अध्ययन करने के लिए सत्त्वा को नियुक्त किया।  अगस्त 2014 में शुरू किया गए, इस कार्यक्रम ने भारत सरकार के ‘स्वच्छ भारत’ के राष्ट्रीय मिशन में योगदान दिया। 32,149 घरों और संस्थानों के लिए मुफ्त शौचालय का निर्माण कराया गया, जिससे 2,19,872 से अधिक लोगों को लाभ हुआ।  ग्रामीण लुधियाना के 14 सरकारी स्कूलों में छात्राओं के लिए अलग शौचालय और जिलों के पुलिस थानों में 37 अलग महिला शौचालय भी बनाए गए।  यह परियोजना दिसंबर 2021 में पूरी हुई।

इम्पैक्ट असेसमेंट स्टडी 2021-22 के दौरान की गया और इसमें 1,014 शौचालयों के सैम्पल साइज़ को शामिल किया गया था।  भारती फाउंडेशन की सीईओ ममता सैकिया ने सत्य भारती अभियान की इम्पैक्ट असेसमेंट रिपोर्ट श्री विपुल उज्जवल, विशेष सचिव, जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग, पंजाब सरकार को सौंपी।

इस अवसर पर जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग के विशेष सचिव श्री विपुल उज्जवल ने कहा, “सत्य भारती अभियान के तहत ग्रामीण अमृतसर और ग्रामीण और शहरी लुधियाना में शौचालय उपलब्ध कराकर स्वच्छता अभियान को लागू करने में भारती फाउंडेशन के प्रयासों की हम सराहना करते हैं।  

इम्पैक्ट असेसमेंट रिपोर्ट सौंपने के दौरान, भारती फाउंडेशन की सीईओ सुश्री ममता सैकिया, “सत्य भारती अभियान कार्यक्रम, जिसने लुधियाना और अमृतसर के गांवों में शौचालय विहीन घरों में शौचालय स्थापित किया,  का उद्देश्य ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में घरों में शौचालय होने के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाकर सामुदायिक व्यवहार में बदलाव को बढ़ावा देना है।  शौचालयों तक आसान पहुंच से महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित महसूस करने में मदद मिली है।  रिपोर्ट में उल्लिखित पहल के समग्र सकारात्मक परिणामों को देखकर हमें प्रसन्नता हो रही है |  राज्य सरकार, स्थानीय प्रशासन, पंचायतों और ग्रामीणों के सक्रिय सहयोग से यह परियोजना सफल हुई है।

इम्पैक्ट असेसमेंट रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष इस प्रकार हैं:

1.98% उत्तरदाताओं ने समय की बचत की क्योंकि उन्हें स्वयं को राहत देने के उद्देश्य से अब दूर की यात्रा नहीं करनी पड़ती है |

2. 39% उत्तरदाताओं ने अतिरिक्त समय का उपयोग घरेलू कार्यों में मदद के लिए किया जबकि 48% उत्तरदाताओं ने यह समय उत्पादक कार्यों में लगाया।

3. 84% उत्तरदाताओं ने कहा कि इस पहल से महिलाओं को लाभ हुआ है। इस पहल ने उन्हें सुरक्षित महसूस करने में मदद की, साथ ही बचाए गए समय का उपयोग उत्पादक गतिविधियों में करने की सहायता मिली है।

4. 93% उत्तरदाताओं का मानना ​​था कि कार्यक्रम ने बच्चों की सुरक्षा में मदद की है।

5. 78% परिवारों ने शौचालयों के निर्माण के बाद बीमार पड़ने की आवृत्ति में कमी देखी।

6. बेहतर स्वच्छता की वजह से स्वास्थ्य व्यय में 32% की गिरावट देखी गई, जो औसतन रु. 4,788 से घटकर रु.3,249 प्रति वर्ष हो गई।

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