अपने देशव्यापी सीएसआर अभियान, टेक4ऑल के अंतर्गत, ह्वावे इंडिया भारत में वंचित क्षेत्रों को प्राथमिक हैल्थकेयर एवं डिजिटल शिक्षा प्रदान करने की अपनी अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धता की ओर काम कर रहा है। इस पहल में आज ह्वावे इंडिया वॉकहार्ड्ट फाउंडेशन के साथ गठबंधन में दो मोबाईल मेडिकल यूनिट्स को रवाना किया। इस कार्यक्रम में बस के अंदर एक पूर्ण रूप से सुसज्जित डिजिटल एजुकेशन सेंटर, डिजिबस का प्रदर्शन किया गया, जिसका उपयोग दूरदराज के इलाकों में सीमित उपलब्धता के साथ रहने वाले लोगों को शिक्षा प्रदान करने के लिए किया जाएगा। डिजिबस अभियान के साझेदार प्रधानमंत्री के अंत्योदय कार्यक्रम से जुड़े हुए हैं और देश के ग्रामीण इलाकों में डिजिटल साक्षरता बढ़ाने के लिए तत्पर हैं।
इस कार्यक्रम में वित्त के लिए केंद्रीय राज्यमंत्री, भारत सरकार डॉ. भगवत किशनराव करड के साथ डॉ. हुजैफा खोरकीवाला, सीईओ – वॉकहार्ड्ट फाउंडेशन; मिस चारु कपूर, सीओओ, एनआईआईटी फाउंडेशन और श्री हर्ष खुराना, चीफ – रैगुलेटरी, कॉर्पोरेट मामले एवं संचार विभाग, ह्वावे इंडिया शामिल हुए। इस अभियान में अनुबंध की अवधि में 13 मोबाईल मेडिकल यूनिट्स द्वारा लगभग 3,25,000 मरीजों और 4 डिजिबसों द्वारा 1,50,000 विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा। ये वाहन दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के छोटे शहरों व स्थानों में चलाए जाएंगे।
फ्लैग-ऑफ के अवसर पर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री, भारत सरकार, डॉ. भगवत किशनराव करड ने कहा, ‘‘स्वास्थ्य सेवा एवं शिक्षा हमारे समाज के मजबूत स्तंभ हैं, जिन्हें एक मजबूत डिजिटल इंडिया का निर्माण करने के लिए लगातार मजबूत किया जाना चाहिए। हमारे विविधतापूर्ण और विशाल देश में एक प्रतिभागितापूर्ण दृष्टिकोण जरूरी है,जिसमें सरकार से लेकर कॉर्पोरेट सेक्टर और नागरिक समाज तक हर किसी की भूमिका हो, और सभी लोग एक उद्देश्य की ओर काम करें। मेरा विश्वास है कि हमारे सामूहिक प्रयास हमें और ज्यादा अवसरों का सृजन करने में मदद करेंगे जिससे वंचितों को समाज में समानता के साथ उन अवसरों का लाभ उठाने में मदद मिलेगी।’’
वॉकहार्ड्ट-ह्वावे मोबाईल मेडिकल क्लिनिक्स का संचालन एक टीम करेगी, जिसमें एक डॉक्टर, एक फार्मेसिस्ट, और एक ड्राईवर होगा, और ये जिन स्थानों पर पहुँचेंगे, वहाँ स्थानीय नागरिकों के लिए निशुल्क ओपीडी/स्वास्थ्य जाँच प्रदान करेंगे। वाहनों की नियमित निगरानी के लिए वैन में जीपीएस सिस्टम लगा होगा, जिसकी मदद से अधिकारी नियमित आधार पर वैन की प्रगति का निरीक्षण कर सकेंगे।