एचडीएफसी बैंक, भारत में प्राइवेट सेक्टर के प्रमुख बैंक ने अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी जागरूकता सप्ताह (आईएफएडब्ल्यू) के उपलक्ष्य में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडिमिनिस्ट्रेशन (आईआईपीए) के सहयोग से ‘बैंकिंग फाइनेंशियल साइबर क्राइम प्रिवेंशन एंड डिटेक्शन’ पर एक दिवसीय कॉन्फ्रेंस की मेजबानी की। यह लगातार चौथा वर्ष है जब एचडीएफसी बैंक आईएफएडब्ल्यू के दौरान साइबर धोखाधड़ी जागरूकता में सक्रिय रूप से योगदान दे रहा है।
श्री एस एन त्रिपाठी महानिदेशक, आईआईपीए (सेवानिवृत्त आईएएस) ने कहा कि ‘‘डिजिटल युग में, साइबर क्राइम के खिलाफ लड़ाई के लिए एक संयुक्त मोर्चे की आवश्यकता सहयोग और जागरूकता हमारी सबसे मजबूत ढाल होनी चाहिए इस प्रकार के सहयोग और मान्यता को प्रोत्साहित करके, हम अपनी सुरक्षा को मजबूत कर सकते हैं और एक सुरक्षित और सुविधाजनक फाइनेंशियल परिदृश्य की दिशा में काम कर सकते हैं।
श्री प्रशांत मेहरा, ग्रुप हेड, रिटेल पोर्टफोलियो मैनेजमेंट एंड फ्रॉड कंट्रोल, एचडीएफसी बैंक ने कहा कि ‘‘साइबर अपराध व्यक्तियों और संगठनों की गोपनीयता और भलाई के साथ–साथ राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है। साइबर धोखाधड़ी के बारे में जागरूकता बढ़ाना जरूरी है और एचडीएफसी बैंक का ‘स्टे सेफ विजिलस्टे विजिलसुरक्षित रहें, सतर्क रहें’ अभियान ऐसा करने के लिए बैंक की एक और पहल है।
गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, भारत में 2021 में 52,900 से अधिक साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए इसमें से लगभग. 60 प्रतिशत मामले वित्तीय धोखाधड़ी से संबंधित थे डीओटी ने एक प्रेजेंटेशन में कहा कि साइबर अपराध से 2025 तक दुनिया को 17.65 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान होगा इसलिए साइबर अपराध को रोकने और उससे निपटने के लिए सामूहिक और समन्वित कार्रवाई करना जरूरी है।इस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एचडीएफसी बैंक का उद्देश्य ग्राहकों के लाभ के लिए साइबर सुरक्षा और लचीलापन बढ़ाने के लिए कार्रवाई योग्य सिफारिशें तैयार करने के लिए विभिन्न हितधारकों और नीति निर्माताओं के बीच संवाद को बढ़ावा देना है।