हैदराबाद में विश्व शांति के लिए 10,000कासम्मेलन

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ग्लोबल यूनियन ऑफ साइंटिस्ट्स फॉर पीस (जीयूएसपी) के अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने युद्ध को समाप्त करने और शांति स्थापित करने के लिए एक ज़बरदस्तऔरउत्कृष्तनमूनाप्रस्तुतकरनेकी घोषणा की।

29 दिसंबर 2023 से शुरू होकर दो सप्ताह तक चलने वाले, ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन (टीएम) और टीएम-सिद्धि कार्यक्रमों में 119 देशों के 10,000 उन्नत विशेषज्ञ हैदराबाद के पास स्थित कान्हा शांति वनम में एकत्रित हो रहे हैं।

डॉ. टोनी नादर, हार्वर्ड और एमआईटी-प्रशिक्षित मेडिकल डॉक्टर और न्यूरोसाइंटिस्ट, जीयूएसपी के अध्यक्ष, महर्षि महेश योगी के उत्तराधिकारी और विश्वभर में ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन संगठनों के अगुआ, ने एक चौंकाने वाला दावा किया: “अब हमारे पास तत्काल विश्व शांति बनाने के लिए वैज्ञानिक रूप से सिद्ध एक तकनीक है। डॉ. नादेर ने आगे कहा, “इससे पहले कभी भी इन चेतना प्रौद्योगिकियों के इतने सारे विशेषज्ञ एक ही स्थान पर और इतने सारे देशों से एकत्र नहीं हुए थे। कई स्थानों पर युद्ध छिड़ने और हर जगह कूटनीति विफल होने के साथ, विश्व को एक नए दृष्टिकोण की सख्त जरूरत है। यहां तक कि एक ही स्थान पर इकट्ठे हुए कुछ लोग – पूरे विश्व की 8.1 अरब की आबादी के लिए 10,000 से भी कम – विश्व स्तर पर शांति बनाने के लिए पर्याप्त हैं। यदि हम ऐसा समूह स्थायी रूप से स्थापित कर सकें, तो विश्व शांति प्राप्त होगी, और यह शाश्वत रहेगी।”

डॉ. नादेर ने कहा, “हाल ही में ध्यान में लोगों की रुचि बहुत बढ़ी है।” “केवलपिछलेतीनवर्षोंमें, ध्यान करने में बिताया गया समय 2900प्रतिशत बढ़ गया है। वर्तमान में लगभग विश्व की 3 प्रतिशत आबादी यानी कम से कम 25 करोड़ लोग ध्यान करते हैं। विश्व के कई बड़े निगम रिपोर्ट करते हैं कि ध्यान उनके प्रबंधन और कर्मचारी-कल्याण रणनीति का एक अनिवार्य हिस्सा है। डॉ. नादेर ने कहा, “यह विश्व को भारत और महर्षि के अमूल्य उपहारों में से एक है।”

महर्षि इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी यूएसए में ब्रेन सेंटर के निदेशक और ध्यान के दौरान मस्तिष्क कैसे काम करता है, इसके विश्व विशेषज्ञ डॉ. फ्रेड ट्रैविस ने मौजूद लोगों को दिखाया कि जब कोई व्यक्ति टीएम का अभ्यास करता है तो क्या होता है। ध्यान लगाकर बैठे हुए ध्यानी से जुड़ी ईईजी मशीन का इस्तेमाल करते हुए, डॉ. ट्रैविस ने ताज सम्मेलन कक्ष में दो विशाल स्क्रीनों पर देखी जाने वाली मस्तिष्क तरंग पैटर्न का वर्णन किया।


डॉ. ट्रैविस ने कहा, “आप जो देख रहे हैं वह मानव चेतना की चौथी प्रमुख अवस्था के दौरान मस्तिष्क की गतिविधि है, जो जागने, सपने देखने और सोने से बिल्कुल अलग है। प्राचीन योग ग्रंथों में इसे समाधि कहा गया है। वैज्ञानिकों ने बताया कि पिछले 50 वर्षों में 100 से अधिक देशों में 750 से अधिक वैज्ञानिक अध्ययनों ने व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन के हर क्षेत्र के लिए ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन के लाभों को प्रमाणित किया है। इसके लाभों में पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (पीटीएसडी), चिंता, अवसाद और हृदय संबंधी जोखिम कारकों में महत्वपूर्ण कमी और प्रदर्शन, रचनात्मकता, हृदय स्वास्थ्य, दीर्घायु और आत्म-बोध में उल्लेखनीय सुधार शामिल हैं। लेकिन टीएम विश्व शांति कैसे उत्पन्न कर सकता है? चेतना का क्षेत्र प्रभाव।

डॉ. हेगेलिन ने इसे “चेतना का क्षेत्र प्रभाव” कहा है।“समकालीन भौतिकी ब्रह्मांड में सभी बलों, पदार्थ और ऊर्जा के आधार पर एक एकीकृत क्षेत्र का वर्णन करने के बहुत करीब है। कई लोग सोचते हैं कि यह भौतिक एकीकृत क्षेत्र चेतना के क्षेत्र के समान है। हैदराबाद में प्रदर्शित की जा रही चेतना की प्रौद्योगिकियां संपूर्ण विश्व चेतना में सुसंगतता का एक क्षेत्रीय प्रभाव पैदा करेंगी, जो आज आपने एक व्यक्तिगत ध्यानी के मस्तिष्क में देखा है।

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