आईटीसी फियामा मेंटल वैलबींग सर्वे में सामने आया कि जैन ज़ी ने डर को छोड़ फन को अपनाया

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भारत में मेंटल वैलबींग के बारे में जागरुकता बढ़ने के साथ इसको लेकर लोगों का दृष्टिकोण बदल रहा है और इससे जुड़ा कलंक दूर हो रहा है। फील गुड विद फियामा मेटल वैलबींग सर्वे 2023* में परिणामों ने खुलासा किया है कि सुकून और मन के प्रसन्नचित्त होने को लेकर जैन ज़ी का दृष्टिकोण बदल रहा है। नीलसनआईक्यू द्वारा कमीशन किए गए इस सर्वे में जैन ज़ी और मिलेनियल्स की अनेक मान्यताओं, व्यवहारों और तनाव के कारणों का अध्ययन करके तनाव दूर करने वाली चीजों की पहचान की गई, जो उनके मन को खुशी और शांति प्रदान करती हैं।

सामाजिक कार्यक्रमों और गतिविधियों में ‘मिसिंग आउट’ के डर के विपरीत, जैन ज़ी ‘फन ऑफ मिसिंग आउट’ यानि फोमो का एक नया दृष्टिकोण अपना रहा है। दृष्टिकोण में इस बदलाव से वो सीमाएं निर्धारित करने, अपनी वैलबींग को प्राथमिकता देने, और उन्हें जिससे भी खुशी और संतुष्टि मिलती है, उसमें शामिल होने में समर्थ बनाता हैं। इस सर्वे में सामने आया कि तनाव के विभिन्न कारणों और बढ़ती चिंता के बाद भी 51 प्रतिशत भारतीय, जो यह मानते हैं कि सोशल मीडिया का उन पर सकारात्मक असर होता है, वो इलाज के लिए ऑनलाईन काउंसलिंग की मदद लेते हैं।

डॉ. रघु अप्पासनीफाउंडर एवं सीईओमाईंड्स फाउंडेशन ने कहा, ‘‘आज के व्यस्त जीवन में व्यस्कों के लिए खुशी की ओर पहला कदम यह समझना है कि खुशी किस वजह से रुक रही है। इसके बाद यह रुकावट चाहे आंतरिक होया बाहरीइसे दूर किया जा सकता है।

समीर सत्पति, डिवीज़नल चीफ एग्ज़िक्यूटिव, पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स बिज़नेस, आईटीसी ने कहा, ‘‘भावनाएं मनुष्यों का मुख्य गुण हैं और खुशी की चाहत से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। फील गुड विद फियामा मैंटल वैलबींग सर्वे में यह साबित हो गया है, जिसमें फन ऑफ मिसिंग आउट नया दृष्टिकोण बनकर उभरा है। मैंटल वैलबींग हमारे मनोवैज्ञानिक, भावनात्मक और सामाजिक वैलबींग का महत्वपूर्ण हिस्सा है। आईटीसी फियामा भारत में मैंटल वैलबींग के बारे में वार्ता छेड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।’’

आईटीसी फियामा की ब्रांड एम्बेसडर, रश्मिका मंदाना ने कहा, ‘‘आज की तेज भागदौड़ में हम सभी भारी दबाव महसूस करते हैं इसलिए अपनी मैंटल हैल्थ बनाए रखना बहुत आवश्यक है। मुझे अपने दैनिक जीवन में लंबे समय तक व्यस्त दिनचर्या में काम करना पड़ता है, सफर भी करना पड़ता है, पर मैं हर पल को पूरा जीने में विश्वास रखती हूँ, और छोटी-छोटी चीजों में खुशियाँ तलाश लेती हूँ, फिर चाहे वह उदारता का कोई काम हो, या फिर अपने फिल्मी ड्रामा या एनिमे के लिए काम।

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