सिंधी समाज दिल्ली (राजेंद्र नगर )द्वारा भगवान झूलेलाल चालीहा का आयोजन रविवार 16 जुलाई से 25 अगस्त 2023 के बीच बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाएगा इसकी विस्तृत जानकारी देते हुए संस्था के महासचिव श्री नरेश बेलानी ने एक प्रेस वार्ता के दौरान पत्रकारों को बताया कि सिंधी समाज प्रत्येक वर्ष अपने ईस्ट देवता झूलेलाल की 41 दिनों तक आराधना करते है। हुआं यूं की सिंध जो अब पाकिस्तान मैं हैं वहा एक मुस्लिम राजा था जो उस समय वहां के हिंदुओं को मार मार कर मुसलमान बना रहा था। तब उस समय परेशान होकर हिंदुओं ने सिंधु नदी के किनारे उस राजा से मुक्ति पाने के लिए वरुण देव की कठिन तपस्या करना शुरू किया। तब 40 दिन तपस्या करने पर सिंधु नदी में एक बड़ी सी मछली पर वरुण देव सवार होकर प्रकट होते हैं और वो तपस्या करने वालों को कहते हैं आने वाले चैत्र नवरात्रों में वरुण देव अवतार बनकर माता देवकी पिता रत्न राय के यहां जन्म होगा जो आगे चलकर भगवान झूलेलाल के रूप में जाना जायेंगे। फिर वो सभी को इस अत्याचार से मुक्ति दिलाएंगे क्योंकि जब जब मानव पर आत्याचार होता है तब तब कोई अवतार जन्म लेता। तभी से सिंधी समाज भगवान झूलेलाल को वरुण अवतार का रूप मानते हैं और 40 दिन की तपस्या का चालीहा मनाते हैं।
श्री नरेश बेलानी आगे बताते हैं हम इस वर्ष इस कार्यक्रम को 41 दिनों तक मनाएंगे जिसमें भगवान झूलेलाल की रोजाना शाम 7 से 8 बजे तक आराधना और फिर भंडारा करेंगे ।एक दिन भगवान झूलेलाल की भव्य शोभा यात्रा बड़ी धूमधाम के साथ राजेंद्र नगर और आस पास के क्षेत्रों में होते हुए निकली जायेगी। और कार्यक्रम के समापन पर यमुना नदी में जाकर ज्योत जो प्रदूषण मुक्त सामग्री से बनती है उसका विसर्जन किया जायेगा ।तथा वहीं श्री नरेश बेलानी का यह भी कहना है कि इस कार्यक्रम में सिंधी समाज के साथ साथ गैर सिंधी समाज का भी पूरा सहयोग रहता है।
इस अवसर पर श्री अशोक लालवानी ने पत्रकारों को बताया कि इस कार्यक्रम को पूरी दुनिया के सिंधी समाज तक पहुंचाने के लिए पूरा कार्यक्रम को facebook पर सीधा प्रसारण किया जाता है। श्री किशन झुरानी ने बताया कार्यक्रम के दौरान बी एल के-मैक्स हॉस्पिटल के डॉक्टरों द्वारा भक्तों के लिए अलग अलग मुद्दों पर स्वास्थ चर्चा करेंगे। इस अवसर पर श्री नरेश बेलानी, श्री अशोक लालवानी , श्री किशन झुरानी, श्री जगदीश नागरानी, श्री कमल टेकचंदानी इत्यादि उपस्थित हुए।