‘‘आज के व्यस्त जीवन में व्यस्कों के लिए खुशी की ओर पहला कदम यह समझना है-डॉ. रघु अप्पासनी

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डॉ. रघु अप्पासनी, फाउंडर एवं सीईओ, माईंड्स फाउंडेशन ने कहा, ‘‘आज के व्यस्त जीवन में व्यस्कों के लिए खुशी की ओर पहला कदम यह समझना है कि खुशी किस वजह से रुक रही है। इसके बाद यह रुकावट चाहे आंतरिक हो, या बाहरी, इसे दूर किया जा सकता है। माईंड्स फाउंडेशन के साथ गठबंधन में फियामा रियायती वर्चुअल थेरेपी प्रदान करता है। थेरेपी के ये सत्र उन लोगों के लिए डिज़ाईन किए गए हैं, जो जीवन में ज्यादा सुकून पाने के लिए व्यक्तिगत परिवर्तन करने के लिए तत्पर हैं। इनसे उन्हें अपनी बेहतर समझ पाने में मदद मिलेगी।’’

79 प्रतिशत लोगों का मानना है कि फिल्मों में मेंटल हैल्थ को पॉज़िटिव रूप में दिखाकर इससे जुड़े कलंक को दूर करने में मदद मिलेगी। 81 प्रतिशत ने यह भी महसूस किया कि सेलिब्रिटीज़ मैंटल हैल्थ की मजबूत समर्थक बन सकती हैं।
समीर सत्पति, डिवीज़नल चीफ एग्ज़िक्यूटिव, पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स बिज़नेस, आईटीसी ने कहा, ‘‘भावनाएं मनुष्यों का मुख्य गुण हैं और खुशी की चाहत से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। फील गुड विद फियामा मैंटल वैलबींग सर्वे में यह साबित हो गया है, जिसमें फन ऑफ मिसिंग आउट नया दृष्टिकोण बनकर उभरा है।

आईटीसी फियामा की ब्रांड एम्बेसडर, रश्मिका मंदाना ने कहा, ‘‘आज की तेज भागदौड़ में हम सभी भारी दबाव महसूस करते हैं इसलिए अपनी मैंटल हैल्थ बनाए रखना बहुत आवश्यक है। मुझे अपने दैनिक जीवन में लंबे समय तक व्यस्त दिनचर्या में काम करना पड़ता है, सफर भी करना पड़ता है, पर मैं हर पल को पूरा जीने में विश्वास रखती हूँ, और छोटी-छोटी चीजों में खुशियाँ तलाश लेती हूँ, फिर चाहे वह उदारता का कोई काम हो, या फिर अपने फिल्मी ड्रामा या एनिमे के लिए काम। मेरी राय में, जो आपको पसंद है वह करना और खुद को छोटे-छोटे ब्रेक में शामिल करना तनाव से जल्दी छुटकारा पाने में मदद करता है। मुझे आईटीसी फियामा द्वारा प्रतिदिन के तनाव को पहचानने और मैंटल वैलबींग पर वार्ता छेड़ने के प्रयास में उनके साथ जुड़ने पर गर्व है।’’

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